एक किरण के आने से ही घना कोहरा छट जाता
एक दीप के उगते ही तिमिर समूचा हट जाता
एक शेर जब करे गर्जना तितर-बितर बनचर होते
एक गरुड़ की वक्र द्रष्टि से सिसक-सिसक विषधर रोते
एक अकेले हनुमान ने आग लगा दी लंका में
दसमुख के मुख पर काली सी , साख़ लगा दी लंका में
एक अकेले परशुराम ने सहस भुजायें काटी थीं
नागफनी की शाखों जैसी खण्ड-खण्ड में छाँटी थीं
एक अकेले वासुदेव ने गिरी गोवर्धन उठा लिया
एक घड़ी में दम्भ इन्द्र का मिट्टी में था मिला दिया
एक अकेले भीमसेन से कीचक को संघार दिया
एक मुष्टिका मार हस्ति को युद्ध भूमि में मार दिया
एक अकेले राणा ने भी मुगलों को ललकारा था
हर बार युद्ध में दुश्मन दल काट-काट संघारा था
एक लाड़ले चेतक ने जो रण में कौशल दिखलाया
सदियां बीत गयीं हैं लेकिन इतिहास भुला नहीं पाया
एक अकेले मंगल ने भी क्रांति शंख धुतकारा था
अंग्रेजी सत्ता के मुख पर प्रथम तमाचा मारा था
एक अकेले ऊधमसिंह ने डायर को जा ठोंक दिया
एक अकेले शेखर ने भी गोरों को था रोक दिया
एक दीप के उगते ही तिमिर समूचा हट जाता
एक शेर जब करे गर्जना तितर-बितर बनचर होते
एक गरुड़ की वक्र द्रष्टि से सिसक-सिसक विषधर रोते
एक अकेली चींटी भी तो गज को नाच नचा देती
एक तपोबल धारी नारी यम से प्राण बचा लेती
एक-एक मिल एक हुए तो भगा दिया अंग्रेजों को
फ़टी लँगोटी नहीं मिली थी उन गोरे रंगरेजों को
फैला हाथ हमारा जिस दिन , मुठ्ठी बन तन जायेगा
भारत माँ का बच्चा-बच्चा भगत सिंह बन जायेगा !! 1 !!
एक अकेले हनुमान ने आग लगा दी लंका में
दसमुख के मुख पर काली सी , साख़ लगा दी लंका में
एक अकेले परशुराम ने सहस भुजायें काटी थीं
नागफनी की शाखों जैसी खण्ड-खण्ड में छाँटी थीं
एक अकेले गिद्ध जटायू लड़ता रहा दसानन से
एक अकेला अंगद वानर डरा नहीं था रावण से
एक अकेला जामवंत जिसने सकल लोक को नापा था
एक बालि के नाम मात्र से वह दसकंधर काँपा था
हिन्द देश का युवा वर्ग जब राष्ट्र वन्दना गायेगा
भारत माँ का बच्चा-बच्चा भगत सिंह बन जायेगा !! 2 !!
एक अकेले वासुदेव ने गिरी गोवर्धन उठा लिया
एक घड़ी में दम्भ इन्द्र का मिट्टी में था मिला दिया
एक अकेले भीमसेन से कीचक को संघार दिया
एक मुष्टिका मार हस्ति को युद्ध भूमि में मार दिया
एक अकेले अभिमन्यु ने चक्रव्यूह को भेद दिया
एक तीर से वीर अर्जुन ने पत्ता-पत्ता छेद दिया
एक अकेले शकुनि ने भी महासमर रच डाला था
निन्दनीय थे कृत्य सभी वह जिद पर मतवाला था
वीतराग वैरागी कोई अग्नि-मंत्र सिखलायेगा
भारत माँ का बच्चा-बच्चा भगत सिंह बन जायेगा !! 3 !!
हर बार युद्ध में दुश्मन दल काट-काट संघारा था
एक लाड़ले चेतक ने जो रण में कौशल दिखलाया
सदियां बीत गयीं हैं लेकिन इतिहास भुला नहीं पाया
देव अंश वह जयमल कल्ला अद्भुत वीर लड़ाके थे
चाचा और भतीजा दोनों गोरा बादल बाँके थे
एक वीर मर्दानी ने भी चण्डी बनकर युद्ध लड़ा
अबला से बन सबला उसने अलग एक इतिहास गढ़ा
युवा रक्त इतिहास हिन्द का जब अधरों पर गायेगा
भारत माँ का बच्चा-बच्चा भगत सिंह बन जायेगा !! 4 !!
एक अकेले मंगल ने भी क्रांति शंख धुतकारा था
अंग्रेजी सत्ता के मुख पर प्रथम तमाचा मारा था
एक अकेले ऊधमसिंह ने डायर को जा ठोंक दिया
एक अकेले शेखर ने भी गोरों को था रोक दिया
जाति धर्म के झगडे छोड़ो इन सबसे देश बड़ा है
अमर शहीदों के बल-बूते यह भारत देश खड़ा है
रंग-बसंती चोला गाते , खड़े रहे तूफानों में
इन्कलाब का लावा दहका भारत के मर्दानों में
जब चाणक्य सरीखा फिर कोई भारत भू पर आएगा
भारत माँ का बच्चा-बच्चा भगत सिंह बन जायेगा !! 5 !!
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